छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएं | CG Govt Schemes/Programmes


Chhattisgarh Govt Schemes/Programmes

दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि कल्याण मजदूर योजना (DDUBKMKY)

  • इस योजना के अंतर्गत भूमिहीन मजदूर को वार्षिक 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। Explained 🚀

प्रधानमंत्री आवास योजना

  • पहली कैबिनेट में 18 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति। पात्रता का दायरा बढ़ा, अब जिनके पास दुपहिया वाहन हैं, 2.5 एकड़ सिंचित भूमि या 05 एकड़ असिंचित भूमि है, जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपये है, वे भी पीएम आवास के लिए पात्र होंगे।

समर्थन मूल्य पर खरीदी

  • खरीफ सीजन में 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी
  • तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को 4000 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपये प्रति मानक बोरा

महतारी वंदन योजना – इस योजना में एक हजार रुपये प्रति महीने देने का वादा किया था। प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है।

रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना – अब तक छत्तीसगढ़ से 20 हजार श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम दर्शन के लिए हम भेज चुके हैं।

 

मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना

छत्तीसगढ़ में शहरी विकास को नई गति देने के लिए ‘मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत शहरों में फ्लाईओवर, अंडरपास, सर्विस लेन जैसी आधुनिक संरचनाओं का विकास किया जाएगा। योजना का प्रथम चरण नगर निगमों में लागू किया जा रहा है, जिसके लिए शासन द्वारा 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

पीएम आयुष्मान वय-वंदना योजना

छत्तीसगढ़ के 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क इलाज हेतु छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाने का काम तेजी से जारी है। पीएम आयुष्मान वय-वंदना योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अब तक 3 लाख 60 हजार से अधिक 70 वर्ष व अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के कार्ड बनाए गए हैं।

दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना

छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा महिला निर्माण श्रमिकों को ई-रिक्शा सहायता योजना के तहत् 01 लाख रूपए की अनुदान राशि प्रदाय किया जाता है। श्रमिकों को डी.बी.टी. के माध्यम से आधार आधारित प्रकिया के अनुसार राशि सीधे श्रमिक के खाते में प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना

राज्य सरकार ने शहरी विकास को गति देने के लिए ₹500 करोड़ की “मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना” शुरू की है। इसके तहत सड़कों के चौड़ीकरण, फ्लाईओवर, अंडरपास, चौक-चौराहों के पुनर्विकास, रिवरफ्रंट और उद्यानों के सौंदर्यीकरण जैसे कार्य किए जाएंगे। उद्देश्य – ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाना, नागरिक सुविधाओं को सुदृढ़ करना और शहरों को पर्यावरण-अनुकूल बनाना।

वुमन फॉर ट्रीज अभियान

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए “वुमन फॉर ट्रीज” अभियान की शुरुआत की गई है।
यह अभियान “अमृत योजना 2.0” के तहत नगर निकायों में खाली पड़ी जमीनों पर पौधरोपण के माध्यम से संचालित होगा। इसमें स्कूल, अस्पताल, तालाब, और अन्य सरकारी स्थलों को शामिल किया गया है। पौधरोपण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ महिलाओं की आजीविका को मजबूत करना है।

PM Vishwakarma Yojana

Duration – 05 years, financial outlay of Rs 13,000 crore from FY 2023-24 to FY 2027-28
Objective – To ensure quality improvement along with access to products and services of 18 traditional artisans and craftsmen in the first phase.
Amount of assistance – Loan up to Rs 1 lakh (first installment) and Rs 2 lakh (second installment) with concessional interest rate of 5 percent.


Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY)

Under Mission Shakti run by the Government of India, Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY) is being operated in all the districts of the country from 01 July 2017. This scheme was started with the objective of improving the nutritional level of pregnant and lactating women and ensuring payment of security amount for loss of wages during pregnancy.

  • Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY) has a provision to give Rs 5000 in two installments to the woman on the birth of the first child and a lump sum of Rs 6000 if the second child is a girl. Among these, the target is to benefit 01 lakh 46 thousand beneficiaries for the first child and 75 thousand beneficiaries for the second girl child.

Eligibility: Under the scheme, all pregnant women and lactating mothers are eligible, except those pregnant women and lactating mothers who are in regular employment with the Central Government or State Governments or Public Sector Undertakings or who are receiving similar benefits under any law currently in force.


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