Chapter 1 : Review Of Economic Situation [CG Economic Survey 2024-25]
01 नवंबर 2000 को भारतीय संघ के 26 वें राज्य के रूप में गठित छत्तीसगढ़ शाब्दिक रूप से “छत्तीस किलों का गढ़” भारत के मध्य भाग में स्थित राज्य है। छत्तीसगढ़ सात राज्यों क्रमश: उड़ीसा, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश से घिरा हुआ भू आवेष्ठित प्रदेश है। प्रशासनिक सुगमता के लिये राज्य के सम्पूर्ण भू-भाग को 05 संभागों एवं 33 जिलो में विभाजित किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल 1,35,191 वर्ग किलोमीटर है, जो कि देश के कुल 4.1 प्रतिशत क्षेत्रफल का प्रतिनिधित्व करता है। प्रदेश का वन क्षेत्रफल लगभग 59,820.78 वर्ग किलोमीटर है, जो कि प्रदेश के कुल भू-भाग का 44.25 प्रतिशत है। राज्य के वन आवरण की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का देश में चौथा स्थान है। उल्लेखनीय है कि देश के लघुवनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ की भागीदारी 70 प्रतिशत है।
01 मार्च 2025 की स्थिति में राज्य की कुल जनसंख्या अनुमानित 3 करोड़ 08 लाख 67 हजार लगभग हैं। जिसमें लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है। राज्य की अधिकांश जनसंख्या लघु एवं सीमांत कृषकों की है। राज्य की मुख्य उपज धान है, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम है।
छत्तीसगढ़ वन संपदा एवं खनिज भंडारण – यह प्रदेश देश में टिन उत्पादन में प्रथम एवं कोयला तथा लौह अयस्क उत्पादन में द्वितीय स्थान रखता है। “औद्योगिक विकास नीति 2024-30” के माध्यम से प्रदेश की आंतरिक क्षमताओं एवं प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण सदुपयोग कर औद्योगिक दृष्टि से नवाचार तकनीकों को अपनाते हुए अमृतकालः छत्तीसगढ़ विजन @ 2047-की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा विश्व के 60 देशों से चयनित 20 ग्रामों में बस्तर जिले के ग्राम धूड़मारस का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के रूप में चयन किया गया है।
प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सतत सुधार तथा परिवार में उनकी निर्णायक भूमिका सुदृढ़ करने हेतु एवं समाज में महिलाओं के प्रति भेदभाव, असमानता एवं जागरूकता की कमी को दूर करने हेतु संचालित महतारी वंदन योजना से समाज का एक बड़ा वर्ग लाभान्वित हुआ है तथा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है।
छत्तीसगढ़ राज्य सतत् विकास लक्ष्यों (CG SDG India Index) की प्राप्ति में दृढ़ संकल्प और सरलता का प्रेरक उदाहरण साबित हो रहा है। SDG जिला स्तरीय बेसलाइन एवं प्रगति रिपोर्ट के तृतीय संस्करण 2023 तक राज्य के कुल 27 जिले “फ्रंट रनर” एवं 6 जिले “परफॉर्मर श्रेणी” में है।
छत्तीसगढ़ का आर्थिक विकास (सकल राज्य घरेलू उत्पाद)
राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में प्रचलित कीमतो पर वर्ष 2024-25 में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की भागीदारी 20.07 प्रतिशत अनुमानित है। इसी अवधि में उद्योग क्षेत्र एवं सेवा क्षेत्र की भागीदारी क्रमशः 43.48 एवं 36.45 प्रतिशत रहने की संभावना है। छत्तीसगढ़ राज्य का उद्योग समूहवार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (स्थिर मूल्य पर) के विश्लेषण से प्राप्त जानकारी निम्नानुसार है –
• कृषिः- इस क्षेत्र में वर्ष 2011-12 में जहाँ सकल राज्य घरेलू उत्पाद (स्थिर भाव) में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 18.10 प्रतिशत थी, वहीं निरंतर किंतु धीमी गति से घटते हुए वर्ष 2024-25 में 16.80 प्रतिशत पर आ गई है। इस क्षेत्र में वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में वृद्धि (स्थिर भाव पर) क्रमशः 5.22, 4.77, 4.51 8.83, 3.03 एवं 5.38 प्रतिशत अनुमानित है। वर्ष 2012-13 से 2024-25 तक औसत वृद्धि 5.39 प्रतिशत दर्ज की गई है।
• उद्योगः- इस क्षेत्र में खनन, विनिर्माण, विद्युत, जलापूर्ति एवं निर्माण क्षेत्र शामिल हैं। वर्ष 2011-12 में जहाँ सकल घरेलू उत्पाद (स्थिर भाव) में उद्योग क्षेत्र की हिस्सेदारी 47.27 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2024-25 में 47.90 प्रतिशत सम्भावित है। वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में उद्योग क्षेत्र में वृद्धि (स्थिर भाव पर) क्रमशः 2.27, 3.77. 5.35, 3.30, 4.87 एवं 6.92 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है। वर्ष 2012-13 से 2024-25 तक औसत वृद्धि 5.97 प्रतिशत दर्ज की गई।
• सेवा क्षेत्रः- छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी सकल राज्य घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए विगत वर्षों में निरंतर बढ़ रही है। इस क्षेत्र के अंतर्गत व्यापार, होटल एवं जलपान गृह, स्थावर संपदा एवं अन्य सेवाओं की सर्वाधिक भागीदारी है। वर्ष 2011-12 में जहाँ सकल राज्य घरेलू उत्पाद (स्थिर भाव) में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 34.63 प्रतिशत थी, यह वर्ष 2024-25 में 35.30 होना अनुमानित है। वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में (स्थिर भाव) क्रमशः 11.13, -4.64, 7.57, 11.31, 10.43 तथा 8.54 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है। वर्ष 2012-13 से 2024-25 तक औसत वृद्धि 6.00 प्रतिशत परिलक्षित हो रही है।
मूल्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली छत्तीसगढ़ का औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक नवम्बर 2024 में 195.1, 187.6 एवं 192.3 क्रमशः ग्रामीण, नगरीय एवं संयुक्त क्षेत्र के लिए है। वर्ष 2024-25 में धान (सामान्य) एवं धान (ग्रेड-ए) के समर्थन मूल्य क्रमशः 2,300 एवं 2,320 रू. प्रति क्विंटल भारत सरकार द्वारा घोषित किया गया। खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु 27.74 लाख किसानों के द्वारा पंजीयन कराया गया है।
लोक वित वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्ति रू. 125900.00 करोड़ एवं राजस्व व्यय रू. 124840.01 करोड़ अनुमानित है। इस प्रकार राजस्व आधिक्य रू. 1059.99 करोड़ दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल राजस्व प्राप्तियों में पिछले वर्ष की तुलना में 13.07 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है। गैर कर राजस्व में प्रमुख योगदान कर भिन्न राजस्व का है। वर्ष 2024-25 के कुल गैर कर राजस्व प्राप्तियों में इसका योगदान 58.07 प्रतिशत अनुमानित है।
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा प्रदेश में कार्यरत् कुल 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान उपार्जन किया जा रहा है।
राज्य गठन के समय प्रदेश में निर्मित 03 वृहद, 29 मध्यम एवं 1945 लघु सिंचाई योजनाओं से कुल 13.28 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता सृजित थी, जो वर्तमान में (मार्च 2024 तक) 21.76 लाख हेक्टेयर हो गई है। इस तरह राज्य निर्माण के पश्चात कुल 8.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता की वृद्धि हुई। वर्तमान में प्रदेश की सिंचाई का प्रतिशत 39.27 हो गया है। राज्य में वर्तमान में 69 कृषि उपज मंडियों एवं 121 उप-मंडियाँ कार्यरत है। छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 2.032 लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र उपलब्ध है जिसमें से 1.976 लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र मछली पालन अन्तर्गत विकसित किया जा चुका है जो कुल जलक्षेत्र का 97.24 प्रतिशत है।
वानिकी – राज्य में आरक्षित वन 25,910.23 वर्ग कि.मी. (43.31 प्रतिशत), संरक्षित वन 24,036.10 वर्ग कि.मी. (40.18 प्रतिशत) व अवर्गीकृत वन 9.874.13 वर्ग कि.मी. (16.51 प्रतिशत) वन क्षेत्र है तथा कुल 59,820.78 वर्ग कि.मी. वनक्षेत्र है।
खनिज – वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के खनिज उत्पादन में छत्तीसगढ़ राज्य का हिस्सा क्रमशः कोयला उत्पादन में 20.73%, लौह अयस्क में 16.64%, चूनापत्थर में 10.94%, बॉक्साइट में 4.32% तथा टिन अयस्क में 100% रहा। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्य खनिज से 6756.97 करोड़ आय हुआ, जहाँ गौण खनिज इसी अवधि में 256.91 करोड़ आय हुआ है।
औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज लागू की गई हैं। छ०ग० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा 9 उत्पादन केन्द्र कुंवरगढ़, सारागांव, मैनपुर, गरियाबंद, भगतदेवरी, तिफरा बिलासपुर, हरदी बाजार, देवरबीजा एवं डिमरापाल, संचालित हैं।
विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता राज्य गठन के समय (नवंबर 2000) में 1360 मेगावाट थी, जो (सितम्बर 2024 तक) 2978.70 मेगावाट हो गई है। इस प्रकार स्थापित क्षमता में 119% की अभिवृद्धि हुई है।
माह दिसम्बर 2023 की स्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई 3,484 कि.मी. है।
नगरीय विकास, वर्ष 1951 में जहाँ शहरीकरण 4.88 प्रतिशत (3.64 लाख) था, यह वर्ष 2011 में बढ़कर 23.24 प्रतिशत (59.37 लाख) हो गया है। वर्श 2023 में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए पीएम ई. बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत रायपुर, दुर्ग-भिलाई बिलासपुर कोरबा को ई बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
सत्र 2024-25 से 07 राजकीय विश्वविद्यालय, 17 निजी विश्वविद्यालय, 335 शासकीय महाविद्यालय एवं 321 अशासकीय महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में सफल रूप से लागू किये गये हैं।
SRS बुलेटीन (वर्ष 1997-2003) अनुसार प्रदेश का मातृ-मृत्यु अनुपात 365 प्रति लाख जीवित जन्म पर था, जो अब वर्तमान में SRS बुलेटीन (वर्ष 2018-2020) अनुसार 137 प्रति लाख जीवित जन्म है। राज्य में घटते बाल लिंगानुपात तथा बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए “नोनी सुरक्षा योजना” शीर्षक से योजना दिनांक 01.04.2014 से लागू की गई है। प्रदेश में वर्तमान में 30 सितम्बर 2024 की स्थिति में कुल 52220 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं।
सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनांतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियो को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के प्रारंभिक परीक्षा मे सफल होने पर मुख्य परीक्षा तैयारी हेतु राशि रू. 1.00 लाख प्रदान जाती है। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) को जशपुर जिले में लागू किया गया है।
सतत विकास लक्ष्य (SDG) छत्तीसगढ़ जिला स्तरीय रिपोर्ट – छत्तीसगढ़ 2023 तक कुल 27 जिले ‘फ्रंट रनर’ (65-69) श्रेणी में है; शेष छः जिले जशपुर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, बलरामपुर और बीजापुर ‘परफॉर्मर (50-64) श्रेणी में हैं, कोई भी जिला आंकाक्षी (0-49) श्रेणी में नहीं है।
- ES-02 : जनसंख्या (Population)
- ES-03 : राज्यीय आय (State Income)
- ES-04 : मूल्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Price and PDS)
- ES-05 : लोक वित्त (Public Finance)
- ES-06 : संस्थागत वित्त एवं विनियोजन (Institutional Finance)
- ES-07 : कृषि एवं संबद्ध सेवाएं (Agriculture)
- ES-08 : वानिकी (Forestry)
- ES-09 : खनिज (Minerals)
- ES-10 : उद्योग (Industry)
- ES-11 : विद्युत एवं आधारभूत संरचना (Electricity)
- ES-12 : ग्रामीण विकास एवं रोजगार (Rural Dev. and Emp.)
- ES-13 : नगरीय विकास (Urban Development)
- ES-14 : शिक्षा (Education)
- ES-15 : चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य (Medical)
- ES-16 : सामाजिक सेवाएं (Social Services)
- ES-17 : सतत् विकास लक्ष्य (SDGs)
See also
References
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