Chapter 9 : Minerals [CG Economic Survey 2024-25]
मुख्य बिन्दु
- वर्ष 2024-25 (अग्रिम) में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (स्थिर भाव) में खनिज क्षेत्र का योगदान 34,29,576 लाख रूपये अनुमानित ।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्य खनिज से 6756.97 करोड़ राजस्व एवं जहाँ गौण खनिज से इसी अवधि में 265.91 करोड़ राजस्व हुआ है।
- वर्ष 2023-24 में राज्य के खनिज उत्पादन का मूल्य अखिल भारत स्तर पर उत्पादन मूल्य का 14.42 प्रतिशत रहा।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के खनिज उत्पादन में छत्तीसगढ राज्य का हिस्सा क्रमशः कोयला उत्पादन में 20.73%, लौह अयस्क में 16.64%, चूनापत्थर में 10.94%, बॉक्साइट में 4.32% तथा टिन अयस्क में 100% रहा।
- कुल खनिज राजस्व में 96.21 प्रतिशत हिस्सा मुख्य खनिज का एवं 3.79 प्रतिशत गौण खनिज का हिस्सा है।
- राज्य सरकार द्वारा खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्र के विकास हेतु समस्त 33 जिलों में जिला खनिज संस्थान न्यास का गठन किया गया है। यह न्यास एक गैर लाभ अर्जित करने वाली संस्था है।
9.1 छत्तीसगढ़ की धरती औद्यौगिक खनिजों से परिपूर्ण है। इन खनिजों की गुणवत्ता तथा इनके भण्डार उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने हेतु आकर्षित करते हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के खनिज उत्पादन में छत्तीसगढ़ राज्य का हिस्सा कमशः कोयला उत्पादन में 20.73%, लौह अयस्क में 16.64%, चूनापत्थर में 10.94%, बॉक्साइट में 4.32%, ग्रेफाइट में 0.60% तथा टिन अयस्क में 100% रहा। छत्तीसगढ़ राज्य का लगभग 27 प्रतिशत राजस्व खनिजों के दोहन से खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त होता है।
कोयले के अधिक उत्पादन के कारण छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में देश का महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है। इसी तरह यह राज्य विद्युत गहन खनिज प्रसंस्करण एवं पुनः अग्र एकीकृत उद्योग यथा लौह एवं इस्पात, एल्यूमिनियम एवं सीमेंट उद्योग इत्यादि का केंद्र भी बन रहा है।
9.2 वर्तमान में प्रदेश में पाए जाने वाले मुख्य खनिज कोयला, चूनापत्थर, लौह अयस्क, बाक्साइट, टिन अयस्क, हीरा एवं स्वर्ण हैं। इन खनिजों के अतिरिक्त एलेक्जेंड्राइट, कार्नरूपेन, डोलोमाइट, क्वार्टजाइट, क्ले, फ्लोराइट, बेरिल, एन्डालूसाइट, कायनाइट, सिलिमेनाइट, टाल्क, सोपस्टोन, लेपीडोलाइट, गार्नेट, रनर मोल्डिंग सेंड, ग्रेफाइट, मोल्डिंग सेंड, एम्बीलीगोनाइट आदि है। प्रदेश में पाई जाने वाली विभिन्न चट्टानों ग्रेनाइट, फ्लैगस्टोन (फर्शीपत्थर) मार्बल आदि आकारीय पत्थर प्रचुर मात्रा में हैं।
9.3 खनिज उत्पादन का मूल्यः छत्तीसगढ़ राज्य के खनिज उत्पादन मूल्य 2012-13 में अखिल भारत के कुल उत्पादन मूल्य का 7.9 प्रतिशत रहा, जो कि 2013-14 में बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गया परंतु वर्ष 2021-22 में 17.34 प्रतिशत तथा वर्ष 2022-23 में 15.03 प्रतिशत रहा जो वर्ष 2023-24 में अखिल भारत के कुल खनिज उत्पादन मूल्य का 14.42 प्रतिशत रहा। राज्य के खनिज उत्त्पादन मूल्य का वर्षवार विवरण तालिका 9.4 में दर्शाया गया है।
9.4 खनिज अन्वेषण कार्यः वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1481 वर्ग कि.मी. क्षेत्र का भौमिकी सर्वेक्षण, भण्डारों के प्रमाणीकरण हेतु 4136 मीटर ड्रिलिंग की गई है। खनिजों की गुणत्ता एवं श्रेणी निर्धारण हेतु 4,649 खनिज नमूनों कों विश्लेषित कर 27,395 मूलकों की उपस्थिति ज्ञात की गई।
9.5 खनिज उत्पादनः-
9.5.1 मुख्य खनिजों का उत्पादनः जैसा कि पूर्व से विदित है कि राज्य में मुख्य खनिज क्रमशः कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, टिन तथा बॉक्साईट हैं। राज्य टिन का एक मात्र उत्पादक है। विगत वर्षों में मुख्य खनिज का उत्पादन का विवरण चार्ट में दर्शाया गया है।
9.5.2 गौण खनिजों का उत्पादनः वर्ष 2022-23 में राज्य में रूपये 103291.09 लाख मूल्य के गौण खनिजों का उत्पादन जिसका विवरण निम्नानुसार है
9.6 राजस्व आय – छत्तीसगढ़ राज्य का राजस्व आय में खनिज विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मुख्य खनिज में लगातार वृद्धि हो रहे हैं, वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्य खनिज से 6756.97 करोड़ आय हुआ, जहाँ गौण खनिज इसी अवधि में 265.91 करोड़ आय हुआ है। विगत पाँच वर्षों में प्राप्त राजस्व की जानकारी निम्न सारणी पर दर्शित हैः-
इसके अतिरिक्त रेत, गिट्टी, मुरूम, फर्शीपत्थर, क्ले, ग्रेनाइट, सेन्ड स्टोन आदि भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में पाए जाते है।
9.7 मुख्य खनिज ब्लॉक्स की ई-नीलामीः नवीन खनिज अधिनियम / नियमों के तहत् मुख्य खनिज ब्लॉक्स का खनिपट्टा / कम्पोजिट लायसेंस हेतु आबंटन हेतु ई-ऑक्शन / टेण्डर के माध्यम से वर्ष 2015 से किया जा रहा है जिसके अंतर्गत अब तक कुल 39 खनिज ब्लॉक्स 13 चूनापत्थर, 09 लौह अयस्क, 07 बॉक्साइट, 03 गोल्ड, 02 निकल क्रोमियम पीजीई ब्लॉक्स, 02 ग्रेफाइट एवं 02 ग्लूकोनाइट की नीलामी राज्य शासन द्वारा तथा 01 लिथियम एण्ड आरईई ब्लॉक की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है। वर्ष 2024-25 में विभिन्न खनिजों के कुल 39 खनिज ब्लॉक्स का आबंटन ई-नीलामी के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है। उक्त ब्लॉक्स में से 02 ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है तथा 01 चूनापत्थर एवं 04 बाक्साइट खनिज ब्लॉक्स की नीलामी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
9.8 खनिज ऑनलाईन 2.0 परियोजनाः खनिज विभागीय क्रियाकलापों में दक्षता एवं पारदर्शिता लाने तथा कार्य में संलग्न हितग्राहियों के Ease of Doing Business के उद्देश्य से प्रदेश में खान एवं खनिजो के समग्र प्रबंधन हेतु विभाग द्वारा एक Web Based Integrated Mines and Minerals Management System “खनिज ऑनलाईन” योजना जून, 2017 से संचालित है।
नई सरकार द्वारा योजना की समीक्षा उपरांत आईटी क्षेत्र में हो रहे सतत innovations के परिप्रेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया कि सम्पूर्ण कार्य डिजिटल और Paperless करते हुए खनिज ऑनलाइन परियोजना को अपने नए स्वरुप में बहुआयामी और सारे हितधारको के लिए सरल बनाया जाए। तदनुसार डेस्कटॉप वर्सन सहित क्लाउड आधारित वीटीएस, मोबाईल ऐप, इंटीग्रेटेड कमाण्ड कंट्रोल सेंटर युक्त खनिज ऑनलाईन 2.0 परियोजना निर्माण की परिकल्पना जून, 2019 में की गई।
जीपीएस आधारित मिनरल व्हीकल मॉनिटरिंग एण्ड ट्रेकिंग सिस्टम (वीटीएमएस) से जहां पोर्टल में रजिस्टर्ड वाहनों द्वारा ट्रांजिट पास अनुसार स्त्रोत से अंतिम स्थल तक खनिज परिवहन की गतिविधियों का Live tracking हो सकेगा, वहीं एण्ड्रायड / आईओएस आधारित मोबाईल एप विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के मध्य दैनिक गतिविधियों के निष्पादन एवं जानकारी के सरल संप्रेषण हेतु सहायक होगा। एप के माध्यम से ही QR कोड आधारित पेपरलेस ट्रांजिट पास की व्यवस्था सुलभ हो सकेगी। Integrated Command Control Centre (CCC) प्रशासकीय दृष्टि से निर्णय लेने हेतु एक केन्द्र बिन्दु के रुप में कार्य करेगा, जहां फील्ड आईटी उपकरणों, खनिज गतिविधियों एवं उनके खनन संक्रियाओं की निगरानी, दैनिक संक्रियाओं का समन्वय हो सकेगा। कमजोर अथवा गैर इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में कार्य हेतु पोर्टल का डेस्कटॉप वर्सन सहायक होगा। इसी प्रकार Redundancy & Disaster Recovery युक्त Cloud based Server तत्कालीक खराबी अथवा आपदा की स्थिति में आटोमेटिक स्वीच ओवर एवं आवश्यकतानुसार क्षमत्ता वृद्धि हेतु प्रभावी व्यवस्था होगी।
तदनुसार नोडल एजेंसी चिप्स के माध्यम से क्यूसीबीएस आधारित ऑनलाईन टेंडर के माध्यम से खनिज ऑनलाईन 2.0 परियोजना के डेवलपमेंट एवं संचालन / रख-रखाव हेतु लगभग 90 करोड़ लागत की 05 वर्षीय योजना हेतु मेसर्स सिनेसिस टेक लिमिटेड का चयन किया गया एवं दिनांक 16.10.2020 को एल.ओ.आई. जारी किया गया है। कंपनी द्वारा कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
खनिज ऑनलाईन 2.0 परियोजना प्रदेश में खान एवं खनिजों के आई.टी. आधारित समग्र प्रबंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश में स्थापित करेगा।
9.9 छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास भारत सरकार, खान मंत्रालय द्वारा खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 9 (ख), 15 (4) एवं 15 क के तहत् राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015, दिनांक 22 दिसम्बर 2015 अधिसूचित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्र के विकास हेतु समस्त 33 जिलों में जिला खनिज संस्थान न्यास का गठन किया गया है। यह न्यास एक गैर लाभअर्जित करने वाली संस्था है।
न्यास के कार्यों के लिए वित्तीय व्यवस्था मुख्य खनिज एवं गौण खनिज के खनिपट्टों, पूर्वेक्षण सह खनिपट्टों से प्राप्त रायल्टी का 10 से 30 प्रतिशत राशि डीएमएफ के रूप में प्राप्त की जा रही है। जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) में सितम्बर 2024 तक 13,985 करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है।
प्रगतिः-
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के निर्देशों के अनुरूप सितम्बर 2024 तक प्रदेश में 14,436 करोड़ रूपये की 93 हजार से अधिक कार्यों की स्वीकृति जिलों में जारी किया गया है, जिसमें 63 हजार से अधिक कार्य पूर्ण हो चुके है। 10,465 करोड़ रूपये व्यय हो चुके हैं।
प्रदेश में DMF से संपादित प्रमुख कार्य-
- बलौदाबाजार जिले में अति गंभीर कुपोषित बच्चों का समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन कार्यक्रम अतिरिक्त पौष्टिक आहार प्रदाय कार्य।
- सुकमा जिले में गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को गर्म भोजन का प्रदाय कार्य।
- जिला जांजगीर चांपा में पीएमश्री स्कूल उन्नयन कार्य।
- कोरिया जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की शुरूवात कार्य।
- जिला बलोद में कलस्टर (सामूहिक) गन्ना खेती हेतु कृषकों को आवश्यक संसाधनों का प्रदाय कार्य।
- जिला बालोद में गंगा मैया दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण सहकारी समिति मर्या. (दूध गंगा) का विस्तार।
- कोरबा जिला अंतर्गत संचालित मध्यान्ह भोजन योजना के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में घरेलू एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदाय के संबंध में प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव।
- मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर अंतर्गत गोदरीपारा में लाईवलीहुड कॉलेज पेयजल व्यवस्था हेतु सम्पवैल स्टोरेज कार्य।
- कोण्डागांव जिलांतर्गत टाटामारी केशकाल के ईको पर्यटन केन्द्र में बोर खनन कार्य (पाईप लाईन सहित)।
- जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा द्वारा शिक्षा मद के अंतर्गत स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, नवा रायपुर मे चयनित छात्रों के प्रवेश शुल्क एवं हॉस्टल शुल्क के भुगतान का कार्य किया जा रहा है।
- जिला कोरबा में स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के लिए सी टी स्केन मशीन क्रय कार्य।
9.10 छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कारर्पोरेशन लिमिटेड छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (सी.एम.डी.सी.), छत्तीसगढ़ राज्य शासन का एक उपक्रम है, जिसमें शत-प्रतिशत निवेश राज्य सरकार का है। सी.एम.डी.सी. की अल्पकालीन, मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कार्ययोजना के अनुसार सी.एम.डी.सी. का मुख्य कार्य खनिजों की रियायतें प्राप्त कर खनिजों का विकास, दोहन एवं विक्रय कर लाभार्जन कर व्यवसाय बढ़ाना है।
9.10.1 छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की परियोजनाएं :-
9.10.2 कोल परियोजनाः भारत सरकार कोल मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2016 में छत्तीसगढ मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, रायपुर एवं एम.पी. स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल के संयुक्त उपक्रम कंपनी केरवा कोल लिमिटेड (के.सी.एल.) के पक्ष में केरवा कोल ब्लॉक आबंटित किया गया है। केरवा कोल ब्लॉक क्षेत्र पर पूर्वेक्षण / अन्वेषण हेतु आवश्यक वन स्वीकृति प्राप्त किये जाने उपरान्त दिनांक 31.03.2021 तक आउट सोर्सिंग के माध्यम से 40753.00 मीटर का वेधन का कार्य पूर्ण किया गया है। वेधन से प्राप्त कोर नमूनों को भौमिक एवं रासायनिक विश्लेषण परिणाम के आधार पर जियोलॉजिकल रिपोर्ट प्राप्त कर दिनांक 31.03.2022 को खनिपट्टा हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है। केरवा कोल ब्लॉक के आगामी विकास एवं दोहन हेतु MDO (Mine Developer and Operator) चयन के संबंध में संचालक मण्डल की 23वीं बैठक दिनांक 30.07.2024 में हुये निर्णय अनुसार M/s Deloitte Touche Tohmatsu India LLP को MDO (Mine Developer and Operator) चयन हेतु Transaction Advisor नियुक्त किया गया हैं। उक्त से प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर आगामी रूप रेखा तैयार की जावेगी।
9.10.3 लौह अयस्क परियोजना सी.एम.डी.सी. एवं सी.एम.डी.सी. के मध्य गठित संयुक्त उपक्रम की कंपनी एन.एम.डी.सी. सी.एम.डी.सी. (एन.सी.एल.) के पक्ष में बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप कमांक-13, स्वीकृत है एवं बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप कमांक-04 को भारत सरकार द्वारा 05 वर्षों के लिए आरक्षित किया गया है।
बैलाडीला लौह अयस्क निक्षेप कमांक-13 की समस्त वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त कर खनिपट्टा अनुबंध का निश्पादन दिनांक 10.01.2017 को पूर्ण कर लिया गया है, कलेक्टर दंतेवाड़ा के आदेश दिनांक 11.06.2019 के परिपालन में परियोजना से संबंधित सभी गतिविधियां बंद है। प्रकरण शासन स्तर पर लंबित है।
भारत सरकार खान मंत्रालय द्वारा बैलाडीला लौह अयस्क डिपॉजिट कमांक-04 रकबा 646. 596 हे. आरक्षित वन क्षेत्र को एम.एम.डी.आर. एक्ट, 1957 की धारा 14 (ए) 1 के तहत् एन. सी.एल. के पक्ष में अधिसूचना दिनांक 30.06.2019 के माध्यम से 5 वर्श की अवधि हेतु आरक्षित किया गया। तदोपरान्त छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय रायपुर का पत्र दिनांक 26.06.2021 के माध्यम से सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। वर्तमान में पर्यावरण एवं वन स्वीकृति प्राप्त किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
आरीडोंगरी लौह अयस्क परियोजना हेतु समस्त वैधानिक स्वीकृतियाँ प्राप्त कर खदान से विक्रय/परिवहन प्रारंभ किया गया था. परन्तु अतिरिक्त राशि की देयता वैधानिकता को ठेकेदार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है, प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है एवं आदिवासी विकास समिति के विरोध के कारण खदान माह-नवंबर 2022 से बंद है।
9.10.4 बाक्साइट परियोजना सी.एम.डी.सी. द्वारा जिला सरगुजा में 05 क्षेत्रो में खनन एवं विपणन का कार्य प्रारंभ है। वर्ष 2023-24 में इन खदानों से सी.एम.डी.सी. को वेल्यू ऑफ बाक्साईट (कमीशन) के रूप में राशि 1.65 करोड़ तथा राज्य शासन को रायल्टी एवं अन्य कर के रूप में राशि रूपये 3.97 करोड़ की प्राप्ति हुई है। वर्ष 2024-25 में इन खदानों में सी.एम.डी.सी. को वेल्यु ऑफ बाक्साईट (कमीशन) के रूप में लगभग राशि रू. 9.5 करोड़ तथा राज्य शासन को रायल्टी एवं अन्य कर के रूप में लगभग राशि रूपये 21 करोड प्राप्त होने की संभावना है।
सी.एम.डी.सी. द्वारा कुल 10 खनिज बाक्साईट धारित क्षेत्रों के खनिपट्टा आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिला सरगुजा 06, कबीरधाम 02, बलरामपुर 01 एवं जशपुर-01 क्षेत्रों में आवेदन किया गया था। जिसके परिप्रेक्ष्य में सभी क्षेत्रों हेतु खनिपट्टा स्वीकृति आदेश शर्तों के तहत् जारी किया गया। उक्त खनिपट्टा क्षेत्रों में से 05 क्षेत्रों पर पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त कर खनिपट्टा निष्पादन पूर्ण कर लिया गया है। शीघ्र ही खदाने संचालित की जावेगी। उक्त सभी परियोजनाओं के प्रारंभ होने से सी.एम.डी.सी. को लगभग राशि रूपये 30-35 करोड़ प्रतिवर्ष की अतिरिक्त आय संभावित है।
9.10.5 कोरण्डम खनिज परियोजनाः अविभाजित मध्यप्रदेश शासन द्वारा तत्कालीन जिला बस्तर
(वर्तमान में जिला कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर एवं सुकमा) के समस्त कोरण्डम खनिज धारित क्षेत्रों को मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के माध्यम से स्वतः खनन् के लिए अधिसूचना कमांक 19-4/28/XII/7017 भोपाल दिनांक 16 जून 1978 द्वारा सुरक्षित किया गया है। राज्य पुनर्गठन के उपरान्त यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ मिनरल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि० को प्राप्त हुआ है।
कोरण्डम खनिज के लिये वर्ष 2024-25 तक कुल 03 खनिपट्टा स्वीकृत है। जिसमें से जिला सुकमा के ग्राम सोनाकुकानार-नागारास रकबा 22.667 हे० लेप्स घोषित हो गया है। निरंतरता हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है। कार्यवाही शासन स्तर पर लंबित है। जिला बीजापुर के ग्राम कुचनूर में स्थित कोरण्डम खनिज के स्वीकृत खनिपट्टे पर शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसमें कार्पोरेशन को प्रतिवर्ष कम से कम रूपये 5.00 लाख की शुद्ध आय निश्चित है तथा कार्पोरेशन का उक्त व्यवसाय प्रारम्भ होने पर क्षेत्र के लगभग 10 गांव के 150 परिवारों को परोक्ष रूप से एवं 500 परिवारों को अपरोक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा।
9.10.6 केसेटराईट खनिज (टिन अयस्क) परियोजनाः सी.एम.डी.सी. के पक्ष में कैसेराईट खनिज के कुल 14 खनिपट्टा स्वीकृत है, जिसमें से संयुक्त प्रक्षेत्र कंपनी मेसर्स प्रेशियस मिनरल एण्ड स्मेलिंटग लिमिटेड जगदलपुर को 08 खनिपट्टा हस्तान्तरित किया गया है तथा शेष 06 खनिपट्टा जो सी.एम.डी. सी. को हस्तांतरित थी, छत्तीसगढ़ शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक/एफ 3-53/99/12 (पार्ट), दिनांक 31.07.2024 के तहत् व्यपगत (Lapes) घोषित किया गया है।
सी.एम.डी.सी. द्वारा बस्तर क्षेत्र के स्थानीय अनुसूचित जनजातियों की संचालित 05 सहकारी समितियों के माध्यम से टिन खनिज का क्रय किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 (माह अप्रैल 2024 से माह अक्टूबर 2024 तक) सहकारी समितियों के 225 सदस्यों को लगभग राशि रूपये 15,01,088 (पन्द्रह लाख एक हजार अट्ठासी रूपये मात्र) का भुगतान किया गया है। सी.एम.डी.सी. द्वारा बस्तर क्षेत्र में टिन अयस्क का क्रय एक जन हितकारी योजना के तहत् अनुसूचित जनजातियों के परिवारों के हित के लिए किया जा रहा है, इससे प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लगभग 250 आदिवासी परिवार लाभानवत हो रहें हैं।
9.10.7 खनिज अन्वेषण कार्य के संबंध मेंः सी.एम.डी.सी. द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 (नवम्बर-2024 तक) में किसी भी प्रकार का अन्वेषण कार्य नहीं किया गया है।
9.10.8 बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड (बी.आर.पी.एल.) रावघाट जगदलपुर (रावघाट-कोंडागांव 68.51 कि.मी. एवं कॉडगांव-जगदलपुर 71.49 कि.मी.) रेल लाईन 140 कि.मी. के विकास हेतु एन.एम.डी. सी., सेल, इरकॉन एवं सी.एम.डी.सी. द्वारा बस्तर रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड के नाम से दिनांक 05.05. 2016 को संयुक्त उपक्रम कम्पनी का गठन किया गया है। इस परियोजना में भागीदारी क्रमशः एन.एम. डी.सी. (52%), इरकान (26%), सेल (12%) एवं छत्तीसगढ़ शासन (10%) है। भारत सरकार के निर्णय अनुसार इस रेल लाइन का विस्तार अब दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे द्वारा किया जाएगा, साथ ही राज्य सरकार को इस परियोजना से जुड़ने हेतु विकल्प भी दिया गया है।
9.10.9 छत्तीसगढ़ कॉपर लिमिटेड (सी.सी.एल.): छत्तीसगढ़ राज्य में उपलब्ध कॉपर एवं सह खनिजों के अन्वेषण, खनन तथा बेनीफिसिएशन एवं कॉपर कॉन्सट्रेन्ट को विभिन्न क्रेताओं को विक्रय हेतु सी.एम.डी.सी. तथा भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के मध्य दिनांक 30.08.2016 को जे.व्ही.ए. का निष्पादन किया जाकर, दिनांक 21.05.2018 को छत्तीसगढ़ कॉपर लिमिटेड के नाम से संयुक्त उपक्रम कम्पनी के गठन उपरांत जे. व्ही. कम्पनी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के अतर्गत कॉपर खनिज की खोज हेतु हिदर तथा बोदल 02 क्षेत्रों को जे.व्ही. कम्पनी के लिए आरक्षित करने हेतु दिनांक 09.07.2021 को राज्य शासन द्वारा भारत सरकार खान मंत्रालय को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। उक्त के अतिरिक्त दिनांक 10.05.2024 को सचिव, भारत सरकार, खान मंत्रालय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रश्नाधीन 02 ब्लॉक पर कॉपर एवं सह खनिजों के Reconnaisance Survey (GA-Stage) किये जाने का निर्णय लिया गया।
उक्त के परिपालन में सी.सी.एल. के संचालक मंडल की 26वीं बैठक दिनांक 06.08.2024 में Reconnaisance Survey (GA-Stage) को एन.एम.ई.टी फंड से किये जाने का निर्णय किया गया है। इस क्रम में सी.सी.एल. द्वारा पत्र दिनांक 28.08.2024 के माध्यम से बोदल ब्लॉक रकबा 21.75 वर्ग कि.मी. एवं हिदर ब्लॉक 28.60 वर्ग कि.मी. के Reconnaisance Survey (GA-Stage) एन.एम.ई.टी फंड के माध्यम से किये जाने के प्रस्ताव को Director & HoD, National Mineral Exploration Trust के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
9.10.10 डोलोमाईट खनिज परियोजनाः छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 3-14/2021/12, दिनांक 26.11.2021 के माध्यम से ग्राम छीतापडरिया, तहसील जैजैपुर, जिला जांजगीर-चांपा स्थित खनिज डोलोमाईट धारित क्षेत्र कुल रकबा 407.410 हेक्टर को सी.एम.डी. सी. के पक्ष में आरक्षित किया गया है। उक्त क्षेत्र को सी.एम.डी.सी. के पक्ष में खनिपट्टा स्वीकृति हेतु आवेदन दिनांक 05.01.2022 को प्रस्तुत किया गया है। उक्त के विरूद्ध छत्तीसगढ़ शासन खनिज साधन विभाग द्वारा आदेश कमांक एफ 3-14/2021 / 12, दिनांक 06.10.2023 के माध्यम से कुल रकबा 326. 167 हे. पर खनिजपट्टा स्वीकृति हेतु पूर्वानुमोदन प्रदान किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के क्वॉरी प्लान का अनुमोदन संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़ द्वारा दिनांक 28.08.2024 को किया गया है। पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु कंसल्टेंट के चयन की कार्यवाही अंतिम चरण में है। वर्तमान में वन स्वीकृति प्राप्त किये जाने की कार्यवाही भी प्रचलन में है।
9.10.11 डायमंड परियोजनाः एन.एम.डी.सी. एवं सी.एम.डी.सी. के मध्य गठित संयुक्त उपक्रम की कंपनी एनएमडीसी-सीएमडीसी (एन.सी.एल.) के माध्यम से जिला महासमुंद के तहसील सरायपाली में बलौदा-बेलमुण्डी डायमंड ब्लॉक के रकबा 156.80 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति निष्पादन कर, अन्वेषण की कार्यवाही प्रचलन में है।
See also
References
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