Chapter 16 : Social Services [CG Economic Survey 2024-25]
मुख्य बिन्दु
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनांतर्गत वर्ष 2023-24 में 4,43,435 हितग्राही लाभान्वित ।
सुखद सहारा योजनांतर्गत वर्ष 2023-24 में 2,23,098 हितग्राही लाभान्वित ।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 में 6,60,966 हितग्राही लाभान्वित ।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 में 2,18,638 हितग्राही लाभान्वित ।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तजन पेंशन योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 में 33.750 हितग्राही लाभान्वित ।
राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 में 7,998 हितग्राही लाभान्वित ।
सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनांतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियो को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के प्रारंभिक परीक्षा मे सफल होने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु राशि रू. 1.00 लाख प्रदाय की जाती है।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) को जशपुर जिले में लागू किया गया है। जशपुर जिले के 05 विकास खण्ड (जशपुर, मनोरा, दुलदला, कुनकुरी एवं कांसाबेल) को अल्पसंख्यक विकास खण्ड के रूप में चयनित किया गया है।
भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित The Best Tourism Village Competition 2024 में बस्तर जिलें के ग्राम धूममारस एवं ग्राम-चित्रकोट का चयन किया गया हैं।
16 समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों, निराश्रितों, विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बौने व्यक्तियों, उभयलिंगी व्यक्तियों, कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले बच्चों के पुर्नवास के साथ-साथ नशामुक्ति के संबंध में सकारात्मक वातावरण बनाने संबंधी विस्तृत कार्यक्रम संचालित किये जाते है। इन दायित्वों के निर्वहन हेतु विभाग अन्तर्गत विभिन्न अधिनियम प्रभावशील है।
16.1 सामाजिक सहायता कार्यक्रम
16.1.1 सामाजिक सुरक्षा पेंशन राज्य शासन द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत प्रदेश के मूल निवासी को राशि रूपये 500/- प्रतिमाह पेंशन दी जाती है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के निम्न में से किसी एक श्रेणी का हो:-
6-17 वर्ष आयुवर्ग के निःशक्त बच्चे। जिसमें 6-14 आयुवर्ग के निःशक्त बच्चे जो अध्ययनरत् नहीं है उन्हें पात्रता नहीं होगी।
18 वर्ष या अधिक आयु के सामान्य निःशक्त व्यक्ति।
बौने व्यक्ति ।
16.1.2 सुखद सहारा योजना योजना का उद्देश्य विधवा/परित्यक्त महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने हेतु सहयोग देना है। जिसके तहत राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 39 वर्ष आयुवर्ग की विधवा तथा 18 वर्ष या अधिक आयु की परित्यक्त महिलाओं को राशि रूपये 500/- प्रतिमाह की दर से पेंशन का भुगतान किया जाता है।
16.1.3 मुख्यमंत्री पेंशन योजनाः योजना का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 की सर्वे सूची के आधार पर सूचीबद्ध वरिष्ठ नागरिकों एवं विधवा/परित्यक्त महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने हेतु सहयोग देना है, जिसके तहत राशि रूपये 500/- प्रतिमाह की दर से पेंशन का भुगतान किया जाता है। योजना की निम्नानुसार पात्रता है-
60 वर्ष या अधिक आयु के वृद्ध ।
18 वर्ष या उससे अधिक आयु की विधवा या विवाहोपरान्त परित्यक्त महिलायें। छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो, ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति में आवेदक का नाम सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 की सर्वेक्षण सूची के स्वतः सम्मिलित सूचकांक अथवा वंचन सूचकांक के कम से कम एक वंचन सूचकांक वाले परिवारों की सूची में हो,
नगरीय क्षेत्र के स्थिति में आवेदक का नाम सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 की सर्वेक्षण सूची में उल्लेखित –
घास का छत / छप्पर में रहने वाले परिवार, अथवा
प्लास्टिक / पॉलिथीन के छप्पर में रहने वाले परिवार, अथवा
पत्थर की छत में रहने वाले परिवार, स्लेट की छत में रहने वाले परिवार, अथवा
बेघर तथा बिना कमरे वाले घर में निवासरत परिवार की सूची में हो।
16.1.4 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना राज्य में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना । अक्टूबर 1995 से संचालित की जा रही है। योजनांतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 60 से 79 वर्ष आयुवर्ग के वृद्धजनों को राशि रु. 500/- प्रतिमाह (राशि रूपये 300/- प्रतिमाह राज्यांश राशि सम्मिलित) तथा 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के वृद्धजनों को राशि रू. 650/- प्रतिमाह (राशि रूपये 150/- प्रतिमाह राज्यांश सम्मिलित) की दर से पेंशन का भुगतान स्थानीय निकायों के माध्यम से किया जाता है।
16.1.5 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना यह योजना फरवरी 2009 से प्रभावशील है। इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 40 से 79 वर्ष आयुवर्ग की विधवाओं को रूपये 500/- प्रतिमाह पेंशन का भुगतान स्थानीय निकायों के माध्यम से किया जाता है। उक्त पेंशन राशियों में राशि रू. 200/- राज्यांश सम्मिलित है।
16.1.6 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तजन पेंशन योजना यह योजना फरवरी 2009 से प्रभावशील है। इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के 18 से 79 वर्ष आयुवर्ग के गंभीर एवं बहुनिःशक्तता वाले निःशक्तजन को रूपये 500/- प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। उक्त पेंशन राशियों में राशि रूपये 200/- राज्यांश सम्मिलित है।
16.1.7 राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना योजना अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के ऐसे मुखिया स्त्री या पुरुष जिनकी आमदनी से परिवार का अधिकांश खर्च चलता है तथा जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक तथा 60 वर्ष से कम हो प्राकृतिक / आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर परिवार के उत्तराधिकारी मुखिया को राशि रूपये 20,000/- की एक मुश्त सहायता प्रदान की जाती है। भारत सरकार द्वारा शत्-प्रतिशत राशि उपलब्ध कराई जाती है।
16.2 दिव्यांग कल्याण की योजनाएँ
16.2.1 स्वैच्छिक संस्थाओं को राज्य अनुदान दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रावधान अनुसार प्रदेश में निःशक्तजनों के शिक्षण-प्रशिक्षण तथा समग्र पुनर्वास में स्वैच्छिक संस्थाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य शासन द्वारा स्वैच्छिक संस्थाओं को मान्यता प्रदान कर उनके द्वारा आवेदन करने पर पात्रता / नियमानुसार सहायक अनुदान स्वीकृत किया जाता है। जिसके अन्तर्गत अस्थि बाधितों हेतु रायपुर, धमतरी, राजनांदगांव, जगदलपुर एवं जशपुर में विशेष विद्यालय, मंद बुद्धि बच्चों के लिए रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, जगदलपुर व बिलासपुर में तथा श्रवण बाधितों के लिए रायपुर, धमतरी, बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, सरगुजा, कोरबा एवं रायगढ़ में विशेष विद्यालय स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित है।
16.2.2 दिव्यांगजनों के लिए छात्रवृत्ति योजनाः इस योजनांतर्गत प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं महाविद्यालयीन अध्ययनरत् दिव्यांग विद्यार्थियों को पात्रता एवं कक्षा अनुसार रु. 150/- से रू. 190/- प्रतिमाह तक की छात्रवृत्ति विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है तथा दृष्टि बाधित छात्रों को रू. 100/- प्रतिमाह वाचक भत्ता प्रदान किया जाता है।
16.2.3 कृत्रिम अंग उपकरण प्रदाय योजनाः- इस योजना के अन्तर्गत दिव्यांगजनों को कैलीपर्स, ट्रायसायकल, व्हीलचेयर, बैसाखी, श्रवण यंत्र, डिजिटल श्रवण यंत्र, श्वेत छड़ी व ब्रेल किट आदि उपलब्ध कराये जाते हैं। इस योजना अन्तर्गत दिव्यांगजनों को संसाधन सेवायें उनकी आय सीमा रू. 5,000 मासिक तक निःशुल्क तथा रू. 5,001 से रू. 8,000 मासिक त्तक 50% छूट के साथ संसाधन सेवायें उपलब्ध कराई जाती हैं।
16.2.4 दिव्यांगजनों हेतु मोटराईज्ड ट्रायसायकल (बैटरी चलित) प्रदाय योजनाः इस योजना के अन्तर्गत दिव्यांग विद्यार्थियों के लिये दिव्यांगता का न्यूनतम प्रतिशत 60% एवं रोजगार / स्वरोजगार में संलग्न व्यक्तियों के लिये दिव्यांगता का न्यूनतम प्रतिशत 70% तथा माता पिता या स्वयं का मासिक आय रू. 20000 प्रतिमाह हो को प्रदाय की जाती है।
16.2.5 सामर्थ्य विकास योजना प्रदेश के दिव्यांग हितग्राहियों को उपयुक्त, टिकाऊ, वैज्ञानिक रूप से तैयार आधुनिक एवं मानकीकृत सहायक यंत्र एवं उपकरण प्रदाय करने की दृष्टि से “सामर्थ्य विकास योजना आरंभ की गई है। सामर्थ्य विकास योजना अन्तर्गत दिव्यांगजनों हेतु मेले / शिविर का आयोजन कर कृत्रिम अंग एवं उपकरण प्रदाय किये जाते है।
16.2.6 निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना: दिव्यांग व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास एवं उन्हे स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से 18 से 45 वर्ष आयु की दिव्यांग महिला तथा 21 से 45 वर्ष आयु के दिव्यांग पुरुष जो आयकर दाता की श्रेणी में नहीं आता हो, को विवाह उपरांत जोड़े में एक व्यक्त्ति के दिव्यांग होने पर राशि रूपये 50,000/- तथा दोनों (वर-वधू) के दिव्यांग होने पर राशि रूपये 1,00,000/- की सहायता राशि दी जाती है।
16.2.7 दिव्यांग व्यक्तियों के शिक्षण प्रशिक्षण हेतु शासकीय संस्थाएं: विभाग द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार राज्य में आवासीय संस्थाएं संचालित हैं। जिसमें निःशक्त बच्चों को निःशुल्क छात्रावास, शिक्षण-प्रशिक्षण, भोजन, वस्त्र एवं आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में 20 शासकीय संस्थाएं तथा 1 दिव्यांग महाविद्यालय संचालित हैं।
16.2.8 निःशक्तजनों के लिए “क्षितिज अपार संभावनाएं अन्तर्गत एकीकृत योजना
प्रदेश में दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए “क्षितिज अपार संभावनाएं” नाम से 03 एकीकृत योजना प्रारंभ की गई है-
16.2.8.1 निःशक्तजन शिक्षा प्रोत्साहन योजना निःशक्तजन शिक्षा प्रोत्साहन योजना –
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत 18 वर्ष तक की आयु के दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान किये जाने का प्रावधान है। सामान्यतः आर्थिक अभाव एवं दिव्यांगता के कारण मेधावी दिव्यांग बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं, जिन्हें संबल प्रदान करने के लिए माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों एवं तकनीकी तथा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् नियमित दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
दिये जाने वाले लाभ :-
जिले में माध्यमिक परीक्षा (दसवीं) में सर्वाधिक अंक पाने वाले दिव्यांग छात्र तथा छात्रा को राशि रूपये 2,000/- एकमुश्त ।
जिले में उच्चतर माध्यमिक परीक्षा (बारहवीं) में सर्वाधिक अंक पाने वाले दिव्यांग छात्र तथा छात्रा को राशि रूपये 5,000 /- एकमुश्त ।
आई. टी. आई./पोलिटेक्निक / स्नातक एवं स्नातकोत्तर (कला, वाणिज्य एवं विज्ञान) पर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को राशि 6,000/- रूपये प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि।
चिकित्सा/तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा में स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्ययनरत विद्यार्थियों को राशि 12,000/- रूपये प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में उच्च शिक्षा हेतु 508 विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन राशि स्वीकृत किया गया है।
16.2.8.2 निःशक्तजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना-
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत दिव्यांग मेधावी व्यक्तियों को सिविल सेवा के क्षेत्र में प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की जा रही है। इससे अन्य दिव्यांग व्यक्ति प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित होंगे तथा आगामी तैयारी हेतु आर्थिक सहयोग प्राप्त हो सकेगा।
दिये जाने वाले लाभ :-
प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर राशि रूपये 20,000/- एकमुश्त ।
मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर राशि रूपये 30,000/- एकमुश्त ।
संघ / छत्तीसगढ़ लोक सेवा में चयन होने पर राशि रूपये 50,000/- एकमुश्त ।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में 18 दिव्यांग प्रतिभागियों को सिविल सेवा परीक्षा के प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने हेतु प्रोत्साहन राशि की स्वीकृत दी गई है।
16.2.8.3 निःशक्त विद्यार्थियों के लिए छात्रगृह योजना- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत दिव्यांग व्यक्तियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित, उन्हें संबल प्रदान करने एवं उनके अधिकारों का संरक्षण हेतु 5 दिव्यांग विद्यार्थियों के समूह को किराये के भवन में निःशुल्क आवास सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है। योजना से राज्य के दिव्यांग विद्यार्थियों का समूह देश के अन्य राज्यों में भी अध्ययन करने हेतु छात्रगृह का लाभ ले सकेंगे।
दिये जाने वाले लाभ :-
05 बच्चों के समूह को रेन्ट कन्ट्रोल अथॉरिटी द्वारा निर्धारित दर पर निर्धारित किराए की सीमा में रहने की निःशुल्क सुविधा। भवन का अधिकतम मासिक किराया राशि विद्युत एवं अन्य व्यय सहित निम्नानुसार श्रेणी के शहरों के लिए निर्धारित किया गया है –
6
1. A श्रेणी के शहर हेतु 10,000/- (दस हजार) तक देय होगी।
2. B श्रेणी के शहर हेतु 7,000/- (सात हजार) तक देय होगी।
3. C श्रेणी के शहर हेतु 5,000/- (पांच हजार) तक देय होगी।
योजना अन्तर्गत निःशक्त बच्चों के समूह को सुविधा प्रदान की जा रही है।
16.3 समाज रक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित योजनाएं
16.3.1 वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरिष्ठ नागरिक सहायता योजना संचालित है, जिसके अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण एवं सम्मान हेतु प्रत्येक वर्ष जनपद पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक “अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस” के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। निराश्रित वृद्धजनों के लिए प्रदेश में 35 वृद्धाश्रम संचालित है, जहां 922 वृद्धजन लाभान्वित हो रहे हैं।
60 वर्ष या इससे अधिक आयु के ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो वृद्धावस्था के कारण गंभीर बीमारी एवं बिस्तर पर रहकर अपनी सम्पूर्ण दिनचर्या, क्रियाकलाप का निर्वहन करने हेतु बाध्य हैं उनकी समुचित देखरेख एवं चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 06 प्रशामक देखरेख गृह जिला रायपुर, बेमेतरा दुर्ग, कबीरधाम, रायगढ़ एवं बालोद में संचालित है।
16.3.2 तीरथ बरत योजना योजना को दिनांक 04 दिसम्बर 2012 से प्रभावशील किया गया है। इस योजना अन्तर्गत छत्तीसगढ़ के निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) को उनके जीवनकाल में एक बार, प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न नामनिर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक या एक से अधिक स्थानों की निःशुल्क यात्रा शासकीय सहायता से करायी जाती है। योजना अन्तर्गत निःशक्तजनों को भी तीर्थयात्रा योजना में शामिल कर उनके लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की जाती है।
16.3.3 उभय लिंगी के व्यक्तियों के लिए कल्याणार्थ कार्यक्रम / योजना उभय लिंगी (तृतीय लिंग) के व्यक्तियों के सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास तथा उनके कौशल उन्नयन हेतु विभाग द्वारा कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
16.3.4 वरिष्ठ नागरिक सहायक उपकरण प्रदाय योजना:-
60 वर्ष से अधिक आयु के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले वृद्ध / निराश्रित वृद्ध/वृद्धाश्रम में निवासरत वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था में होने वाली समस्या के निराकरण हेतु उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहायक उपकरण, चिकित्सीय देखभाल की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए वरिष्ठ नागरिक सहायक उपकरण प्रदाय योजना प्रारंभ की गयी है। वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा दिए गए परामर्श अनुसार डायबिटिक शू, नी स्पिलिन्ट, स्पिलिन्ट् (विभिन्न प्रकार के), ब्रेसेस (विभिन्न प्रकार के), कॉलर, वाकर, बैशाखी, छड़ी, व्हील चेयर, चश्मा, श्रवण यंत्र, डेन्चर एवं अन्य उपकरण चिकित्सक के परामर्श अनुसार एक या एक से अधिक सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास
16.4.1 विशिष्ट संस्थाएं:-
राज्य में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग द्वारा छात्रावास प्रदेश में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए 1667 प्री. मैट्रिक, पिछडा वर्ग के 08 प्री.मैट्रिक एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के 408 पोस्ट मैट्रिक तथा पिछडा वर्ग के 48 संचालित है एवं अनुसूचित जाति के लिए 51 एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1124 आश्रम शालाएं संचालित है। प्राथमिक स्तर से उच्चतर माध्यमिक स्तर के आश्रम के लिए शालायें संचालित है। विभाग द्वारा 06 आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 14 कन्या शिक्षा परिसर, 01 गुरुकुल (आदर्श) विद्यालय, 75 एकलब्य आवासीय विद्यालय, 15 बालक / कन्या आवासीय विद्यालय, 01 आस्था गुरूकुल विद्यालय एवं 20 कीडा परिसर संचालित है।
16.4.2 पं. जवाहर लाल नेहरू उत्कर्ष योजना :-
अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जन जाति के प्रतिभावान छात्र/छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने एवं नये सोच के साथ नये कैरियर चयन का अवसर प्रदान के उद्देश्य से योजना संचालित है। योजना अंर्तगत प्रति वर्ष कक्षा 06 वीं के अनुसूचित जाति वर्ग के 70 तथा अनुसूचित जन जाति वर्ग के कक्षा 6 वी के 130 इस प्रकार दोनो वर्गों हेतु कुल 200 विधार्थियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 अप्रैल 2023 से सितम्बर 2023 तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह-अप्रैल 2024 से सितम्बर 2024 तक की वित्तीय एवं भौतिक उपलब्धियों तालिका 16.4 में दर्शित है:-
16.4.3 विज्ञान एवं वाणिज्य प्रोत्साहन योजना नक्सल हिंसा से प्रभावित प्रदेश के जिलो में अनुसूचित जाति एवं जनजाति हेतु विज्ञान एवं वाणिज्य विषय के पद रिक्त रह जाते है क्योंकि इस वर्ग के विद्यार्थियों की सूची विज्ञान एवं वाणिज्य विषय में कम है। अतः इन वर्ग के विद्यार्थियों को विज्ञान एवं वाणिज्य के विषय में अध्यापन को प्रोत्साहन करने हेतु संस्था दुर्ग एवं जगदलपुर में 500-500 सीटर विज्ञान एवं वाणिज्य विषय पर केन्द्र स्थापित किया गया है। इस योजनान्तर्गत चयनित विद्यार्थियो जिन्होने स्नातक / स्नातकोत्तर शिक्षा विज्ञान एवं वाणिज्य विषयों के साथ जारी रखी गई हो। विज्ञान के पदो एवं आयोजित की जाने वाली प्री. बीएड, टीईटी परीक्षा हेतु आपरेटर एवं अध्यापक उपलब्ध कराया जावेगा। इस योजना अंतर्गत 500 सीटर क्रेन्द्र बालिकाओं हेतु दुर्ग जिला के मुख्यालय में वर्ष 2023-24 में प्रारंभ की गई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह-अप्रैल 2024 से सितम्बर 2024 तक की वित्तीय एवं भौतिक तालिका क्र. 16.5 में दर्शित है।
16.4.4 पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्तियाँ कक्षा 12वीं से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दौरान आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति शासन द्वारा संचालित की जा रही है।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (निर्वाह भत्ता) (अ०ज०जा०)
आय-सीमा रू. 2.50 लाख तक वार्षिक आय,
भारत सरकार द्वारा छात्रवृत्ति की दर दिनांक 01.04.2022 से निम्नानुसार लागू है:-
16.4.5 छात्रावास अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को अच्छे परिवेश की
सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में इन वर्गों के लिए छात्रावास संचालित किये जा रहे है, बालक एवं बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक छात्रावास संचालित है, इन छात्रावासों में छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क आवास, भोजन, बिजली, पानी, पलंग, बिस्तर, पुस्तकें एवं समाचार पत्र आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है। प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों के लिए 1667 प्री. मैट्रिक, पिछडा वर्ग के 08 प्री मैट्रिक एवं अनुसूचित जनजाति के 410 पोस्ट मैट्रिक तथा पिछडा वर्ग के 47 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास संचालित है। प्री, मैट्रिक छात्रावास में प्रवेशित विद्यार्थियों को 10 माह, 15 दिवस के लिए शिष्यवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता है।
16.4.6 आश्रम शाला योजना प्रदेश में वनांचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों में जहाँ शैक्षणिक सुविधा नहीं है ऐसे स्थानो में आश्रम शाला योजना की व्यवस्था की जाती हैं। इन आश्रमों में कक्षा पहली से कक्षा 8वीं तक की कक्षाएँ संचालित की जाती है, इन आश्रमों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ आवास एवं भोजन की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 51 एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1174 आश्रम शालाएँ संचालित है।
16.4.7 खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत छात्रावासी विद्यार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जानाः खाद्यान्न सुरक्षा योजना अधिनियम 2012 के अंर्तगत विभाग द्वारा संचालित छात्रावास / आश्रम के साथ-साथ शासकीय अनुदान प्राप्त छात्रावास / आश्रमों में तथा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त एवं विभाग द्वारा संचालित निजी छात्रावास / आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को रियायती दर पर प्रदान करने हेतु योजना संचालित है।
16.4.8 विशेष कोचिंग केन्द्र योजना विशेष कोचिंग के अंतर्गत दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रो में कठिन विषयों के शिक्षको का अभाव बना रहता है जिसके कारण छात्रावास/ आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को कठिन विषयों में कमजोर रह जाते है फलस्वरूप परीक्षा परिणाम का अपेक्षित स्तर पर कम रहता है। इस योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रावास / आश्रमों में रहने वाले विद्यार्थियों को निदानात्मक एवं विशेष शिक्षण के माध्यम से कठिन विषयों जैसे-गणित/विज्ञान/ वाणिज्य जैसे विशयों में गुणात्मक सुधार के लिए प्रयास किया जाता है। उक्त योजना का कियान्वयन माह नवम्बर, दिसम्बर एवं जनवरी में किया जाता है।
16.4.9 छात्र भोजन सहाय योजना :-
पोस्ट मैट्रिक छात्रावासी विद्यार्थियो के बढ़ते उम्र के अनुरूप संतुलित शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए छात्र भोजन सहाय वर्ष 2005-06 से प्रारम्भ की गई है। जिसके अंतर्गत वर्ष 2023-24 से विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति तथा पिछडे वर्ग के विद्यार्थियो को भोजन सहाय हेतु प्रति छात्र प्रति माह राशि रूपये 1200/- की दर से उपलब्ध कराई जाती है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह-अप्रैल 2024 से सितम्बर 2024 तक की वित्तीय एवं भौतिक तालिका क्र. 16.14 में दर्शित है।
16.4.10 व्यावसायिक प्रशिक्षण योजनाः-
16
16.4.10.1 नर्सिंग प्रशिक्षण योजना यह योजना वर्ष 2009-10 से प्रारम्भ की गई है। योजनान्तर्गत प्रतिवर्ष अनुसूचित जाति के 155 तथा अनुसूचित जनजाति के 245 इस प्रकार कुल 400 विद्यार्थियों को नर्सिंग पाठयक्रम में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा दिये जाने का लक्ष्य है।
16.4.10.2 हॉस्पिटैलिटी एवं होटल मैनेजमेन्ट योजना अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र/छात्राओं को एअर होस्टेस, एविएशन हॉस्पिटालिटी एवं होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा का प्रशिक्षण योजना वर्ष 2006-07 से आरम्भ की गई है। वर्ष 2013-14 में योजना में संशोधन किया गया जिसके तहत हॉस्पिटालिटी एवं होटल मैनेंजमेंट में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह योजना वर्ष 2006-07 से आरम्भ की गई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह-अप्रैल 2024 से सितम्बर 2024 तक की वित्तीय एवं भौतिक तालिका क्र. 16.16 में दर्शित है।
See also
References
Take an online test on the CG Economic Survey and CG Budget from the DKAcademyCGPSC App.
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