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ES-04 मूल्य एवं सार्वजनिक वितरण : छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 | CG Price and P.D.S. [ Notes, PDF, MCQs ]


Chapter 4 : Price and PDS [CG Economic Survey 2024-25]

मुख्य बिन्दु

  • राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अक्टूबर, 2024 की स्थिति में शहरी क्षेत्र में 1885 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 11994 कुल 13879 उचित मूल्य दुकानें संचालित है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रतिमाह लगभग 79.61 लाख राशन कार्डधारियों को पात्रतानुसार राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
  • वर्ष 2024-25 में धान (सामान्य) एवं धान (ग्रेड-ए) के समर्थन मूल्य क्रमशः 2,300 एवं 2,320 रूपये प्रति क्विंटल केन्द्र सरकार द्वारा घोषित ।
  • खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी दिनांक 14 नवम्बर, 2024 से 31 जनवरी, 2025 तक की जायेगी।
  • खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु 27.74 लाख किसानों के द्वारा पंजीयन कराया गया है।

भारत में मूल्य स्थिति : केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय, भारत सरकार द्वारा प्रत्येक माह सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदशों के ग्रामीण, नगरीय एवं संयुक्त क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार वर्ष 2012) जारी किया जाता है। छत्तीसगढ़ का औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक नवम्बर 2024 में 195.1, 187.6 एवं 192.3 क्रमशः ग्रामीण, नगरीय एवं संयुक्त क्षेत्र के लिए है। नवम्बर 2024 के लिए भारत की सामान्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 199.4, 193.2 एवं 196.5 क्रमशः ग्रामीण, नगरीय एवं संयुक्त क्षेत्र के लिए है।

Fig. Consumer Price Index

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है जो समय के साथ उपभोक्ता द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव को मापता है। यह सूचकांक आर्थिक स्थिति की समझ और मुद्रास्फीति के स्तर का आकलन करने में मदद करता है। CPI से यह पता चलता है कि वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कितनी वृद्धि हुई है, जो मुद्रास्फीति (Inflation) का प्रमुख संकेतक है।
मुद्रास्फीति (Inflation) वह आर्थिक स्थिति है जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की सामान्य कीमतों में निरंतर वृद्धि होती है। इसे आमतौर पर समय के साथ कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में देखा जाता है, जो कि उपभोक्ता और उत्पादक दोनों के लिए विभिन्न प्रभाव उत्पन्न करता है। मुद्रास्फीति को मापने के लिए आमतौर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) या उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) का उपयोग किया जाता है।

wholesale price index

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो मुद्रास्फीति, उत्पादन लागत, आपूर्ति श्रृंखला, और आर्थिक नीतियों के निर्धारण में सहायता करता है। यह एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के रूप में कार्य करता है, जो भविष्य में उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि का अनुमान लगाने में मदद करता है। (WPI) के डेटा का विश्लेषण करके सरकारें, उद्योग, और व्यापारी आर्थिक स्थिति का बेहतर आकलन कर सकते हैं। थोक मूल्य सूचकांक का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
1. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति के प्रारंभिक संकेतक के रूप में काम करता है।
2. WPI का उपयोग सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक और वित्तीय नीतियाँ बनाने में किया जाता है।
3. WPI से यह भी पता चलता है कि विभिन्न उद्योगों की आर्थिक स्थिति क्या है।
4. कंपनियाँ और श्रमिक संघ थोक मूल्य सूचकांक का उपयोग यह समझने के लिए करते हैं कि लागत में वृद्धि के आधार पर वेतन वृद्धि और बोनस की मांग करें।
5. व्यापारी और निवेशक WPI का उपयोग व्यापार निर्णयों को लेने में करते हैं।
6. WPI में बदलाव से यह भी संकेत मिलता है कि विदेशी व्यापार पर क्या प्रभाव हो सकता है। उच्च WPI का मतलब है कि घरेलू उत्पादन की लागत बढ़ रही है, जिससे उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता वैश्विक बाजार में घट सकती है, और इससे मुद्रा विनिमय दर पर प्रभाव पड़ सकता है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के क्रियान्वयन से राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत रियायती दरों पर खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं जनसाधारण, विशेषतः समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्रदाय किया जाता है। राज्य में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन, नमक एवं चना आदि आवश्यक वस्तुएं उचित मूल्य दुकानों से नियत दरों पर उपलब्ध करायी जाती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रतिमाह लगभग 79.61 लाख राशन कार्डधारियों को पात्रतानुसार राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।

4.2 उचित मूल्य दुकान राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अक्टूबर, 2024 की स्थिति में शहरी क्षेत्र में 1885 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 11994 कुल 13879 उचित मूल्य दुकानें संचालित है। इनमें से सहकारी समितियों द्वारा 4638 दुकान, ग्राम पंचायत द्वारा 3699 दुकान, महिला स्व-सहायता समूह द्वारा 5426 दुकान, वन सुरक्षा समितियों द्वारा 99 तथा नगरीय निकाय द्वारा 17 उचित मूल्य दुकान संचालित की जा रही है। उचित मूल्य दुकानों की एजेंसीवार, जिलेवार जानकारी तालिका 4.4 में दर्शित है।

4.3 छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम, 2012 प्रदेश के गरीब और जरूरतमंदों को भोजन का अधिकार सुनिश्चित करने तथा पात्रतानुसार राशन सामग्री उपलब्ध कराने हेतु स्वयं का खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लागू होने के पूर्व छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम, 2012 राज्य में लागू किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत राज्य के 55.38 लाख परिवारों को अंत्योदय एव प्राथमिकता राशनकार्ड जारी किया गया है, जिसमें लगभग 2 करोड़ सदस्य दर्ज हैं, जिन्हें 5 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह के मान से खाद्यान्न की पात्रता निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चावल की उपभोक्ता दर 3 रूपये प्रतिकिलो है, जबकि राज्य के खाद्य सुरक्षा कानून में अंत्योदय एव प्राथमिकता वाले 70.53 लाख परिवारों को 1 रूपये प्रति किलो की दर से तथा सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत सामान्य परिवार वाले 8.58 लाख परिवारों को 10 रूपये प्रति किलो की दर से चावल प्रदाय किया जा रहा है।

टीपः- वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत एवं राज्य शासन के निर्णय अनुसार प्राथमिकता, अन्त्योदय, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डों पर निःशुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है।

Eligibility for Food Processing
Fin. Eligibility for Food Processing
  • चने की पात्रता राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में एवं माडा क्षेत्रों में निवास करने वाले समस्त अंत्योदय, एवं प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारी परिवारों को है।
  • उपरोक्त सामग्री के अतिरिक्त अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों को प्रति राशन कार्ड 17 रू. प्रति किग्रा की दर से 1 किग्रा शक्कर की पात्रता है।
  • बस्तर संभाग के जिलों में अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 02 किलो गुड़ 17 रू. प्रति किलो ग्राम की दर से प्रदाय किया जा रहा है।
  • अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवार वाले राशन कार्डधारियों को केरोसिन की पात्रता है।

4.4 सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Universal PDS) राज्य के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु सार्वभौम पीडीएस का शुभारंभ 02 अक्टूबर, 2019 से किया गया है। राज्य शासन द्वारा सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्राथमिकता राशनकार्डो के खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि के साथ-साथ सामान्य परिवारों को भी खाद्यान्न की पात्रता सुनिश्चित की गई है।

4.5 राशनकार्ड :- राज्य में छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम तथा सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कुल 79.61 लाख राशनकार्ड प्रचलित है। इनमें से 15.15 लाख अंत्योदय राशनकार्ड, 55.38 लाख प्राथमिकता राशनकार्ड, 33,126 एकल निराश्रित राशनकार्ड, 16,843 निःशक्तजन राशनकार्ड तथा 8.58 लाख सामान्य श्रेणी के राशनकार्ड प्रचलित है। इन राशनकार्डो में निर्धारित पात्रतानुसार प्रतिमाह राशन सामग्री प्रदाय की जा रही है। राशनकार्ड की जिलेवार जानकारी तालिका 4.5 में दर्शित है।

4.6 राशन सामग्री का आवंटन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्ष, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 तक खाद्यान्न आबंटन एवं उठाव की जानकारी निम्नानुसार है:-

4.7 कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषि उपज एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर भारत सरकार के आर्थिक मामलों के केबिनेट समिति द्वारा घोषित किया जाता है। समर्थन मूल्य घोषित करने के समय उत्पादन मूल्य के साथ-साथ समग्र मांग एवं पूर्ति, घरेलू अंतर्राष्ट्रीय कीमतें, अंतर उपजीय समता एवं अर्थव्यवस्था पर मूल्य नीति के संभावित प्रभाव एवं उत्पादन के साधनों यथा-भूमि एवं जल का युक्तिपूर्ण उपयोग को CACP द्वारा ध्यान में रखा जाता है।

CACP एक विशेषज्ञ निकाय है जिसकी अनुशंसाओं को भारत शासन द्वारा स्वीकार किया जाता है। विशेष परिस्थितियों में जैसे किसी उपज का अधिक उत्पादन एवं किसी अन्य उपज के कम उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुए अन्य उपजों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन स्वरूप शासन द्वारा बोनस / प्रोत्साहन राशि भी दिया जाता है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक खरीफ एवं रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का विवरण तालिका क्र. 4.3 में दर्शित है।

छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का का उपार्जन किया जाता है। राज्य में सहकारी समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ तथा मक्का का उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा की जा रही है।

खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी दिनांक 14 नवम्बर, 2024 से 31 जनवरी, 2025 तक की जायेगी। इस वर्ष धान का समर्थन मूल्य कॉमन धान के लिए 2300 रूपये प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रूपये प्रति क्विंटल है। खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु 27.74 लाख किसानों के द्वारा पंजीयन कराया गया है।

4.8 धान खरीदी का कम्प्यूटरीकरणः खाद्य विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2007-08 में धान खरीदी की समस्त व्यवस्था को कम्प्यूटरीकृत किया गया तथा प्रत्येक वर्ष धान खरीदी के अनुभव एवं आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु इसमें नियमित सुधार किया जा रहा है।
खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसानों का पंजीयन कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल पर किया गया है।

4.9 सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता राज्य शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन सामग्री के आबंटन एवं उचित मूल्य दुकानों को प्रदाय तथा हितग्राहियों को राशन सामग्री के वितरण में पारदर्शिता तथा प्रभावी नियंत्रण हेतु निम्नलिखित कार्यवाही की गई है-

  • पीडीएस ऑनलाईन व्यवस्था सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कम्प्यूटरीकरण का कार्य वर्ष 2007 में प्रारंभ किया गया। वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के समस्त क्रियाकलापों का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है। राशन सामग्री के आबंटन हेतु राज्य की समस्त 13,767 उचित मूल्य दुकानों का डेटाबेस तैयार किया गया एवं उनसे संलग्न राशनकार्डों के आधार पर कम्प्यूटर के माध्यम से खाद्य संचालनालय द्वारा दुकानवार आबंटन जारी किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर, 2024 तक वन नेशन वन राशनकार्ड योजना के अंतर्गत राज्य के 13,879 दुकानों को ई-पॉस मशीन के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। उचित मूल्य दुकान स्तर तक कम्प्यूटरीकरण से राशन कार्डधारियों को राशन सामग्री वित्तरण की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध है। इस व्यवस्था से सार्वजनिक वितरण प्रणाली अधिक सुदृढ़ एवं पारदर्शी हुई है।
  • चावल उत्सव :- राज्य शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन सामग्री के वितरण
    की नियमित निगरानी के लिए माह फरवरी, 2008 से चावल उत्सव प्रारंभ किया गया है। चावल उत्सव के लिए जिन गांवों में उचित मूल्य दुकान संचालित है तथा जहां साप्ताहिक हाट बाजार भी लगता है, वहां प्रत्येक माह की 06 तारीख के बाद लगने वाले प्रथम हाट बाजार के दिन चावल उत्सव का आयोजन होता है तथा शेष उचित मूल्य दुकानें जिन गांवों में संचालित है, वहां प्रत्येक माह की 07 तारीख को चावल उत्सव के आयोजन का प्रावधान है। इस उत्सव के दिन निर्धारित तिथि पर राशन कार्डधारी द्वारा राशन सामग्री प्राप्त की जा सकती है।
  • कॉल सेंटर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता तथा जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से खाद्य विभाग द्वारा जनवरी, 2008 से कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है, जिसका दूरभाष क्र. 1967 एवं 1800-233-3663 (टोल फ्री) है। इसके माध्यम से कोई भी नागरिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं खाद्य विभाग द्वारा संचालित अन्य योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है तथा अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
  • जनभागीदारी वेबसाईट :- विभाग के जनभागीदारी वेबसाईट (https://khadya.cg.nic.in/citizen/citizenhome.aspx) के माध्यम से कोई भी नागरिक विभाग से संबधित समस्त जानकारियों का अवलोकन कर सकता है।

See also

References


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